- गोवर सिट्ठा में बागमती नदी के बाढ़ के पानी में सरकारी स्कूल डूबा
- तीरा पंचायत में बागमती नदी का पानी घरों में घुसा सड़क संपर्क टूटता है
बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने के बाद समस्तीपुर के कल्याणपुर के चार पंचायतों में लोगों को भारी परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। बागमती नदी ने उन पर अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। कहीं घर डूब गए हैं तो कहीं स्कूल। सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग जुगाड़ वाले नाव से सामानों को ढो रहे हैं या उसे आवाज़जाही में भी इस्तेमाल कर रहे हैं।
आपको बता दें कि बागमती नदी खतरे के निशान काफी ऊपर बह रही है। इस बीच समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड की 5 हजार से अधिक की आबादी इस बाढ़ से प्रभावित हुई है। इस बाढ़ के पानी में प्रखंड के गोवर सिट्ठा का सरकारी मिडिल स्कूल डूब गया है। यहाँ बाढ़ का पानी कई घरों में घुस गया है। कई स्थानों पर सड़क के ऊपर पानी आ गया है। जिससे लोगों का आना-जाना अनंत हो गया है।
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कलपुरपुर के तीरा पंचायत के लोग जुगाड़ की नाव से घरों का सामान सुरक्षित स्थान पर ले जा रहे हैं। इसके लिए ये लोग मछली के डब्बों से बने बो की मदद ले रहे हैं। सड़क के ऊपर कमर भर पानी आ गया है और कई घर डूब गए हैं। किसी तरह जुगाड़ वाली नाव से इनका काम चल रहा है। गौरतलब है कि समस्तीपुर में बागमती और बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान के काफी ऊपर बहने लगी हैं।
सड़क पर बाढ़ का पानी आ गया, नाव बनी रही
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर प्रखंड स्थित नामपुर, कलौंजर, तीरा और गोवर सिट्ठा में सड़क पर बाढ़ का पानी आ जाने से जिले से संपर्क टूट गया है। यहां आने-जाने का एकमात्र सहारा नाव ही बची है, जिससे लोग आवाजाही कर रहे हैं। बाढ़ के खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने कल्याणपुर के चकमेहसी और रोसड़ा में एसडीआरएफ की टीम को तैनात कर दिया है। इसके साथ ही अधिकारी नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
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बाढ़ के कारण जानवरों का भी सुरक्षित स्थान पर पलायन जारी है
समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर में जतमलपुर के पास खेत मे बागमती नदी में बाढ़ का पानी आ जाने के कारण अब जानवरों के जान पर भी आफत आ गयी है। खेतों में रहने वाले नील गायों ने भी पानी के बीच से अपनी जांच बचाने कर सुरक्षित स्थान की तलाश में निकलना शुरू कर दिया है।