मिलिए इस रसियन बच्चे से जो अभी तीन साल का है। वह दिल की जटिलताओं से पीड़ित था। उनका इलाज रूस में सफल नहीं हो सका इसलिए परिवार उन्हें भारत ले आया।
चेन्नई के डॉक्टरों ने जर्मनी की तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे की जान बचाई। यह सब कैसे हुआ?
बेहतर समझने के लिए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ। सुरेश राव को सुनें।
एक नज़र देख लो!
